सीमा पर जो,
जवान खड़ा है,
फिर बेबस क्यूँ,
हिंदुस्तान पड़ा है?
रक्षा करे वो,
भारत माता की,
फिर दिल पर क्यूँ,
ये बोझ बड़ा है?
इक बेटा तो,
जान है देता,
पर दूजा बनकर,
शैतान खड़ा है।
रोये है बहुत,
मेरी भारत माता,
अपने ही कपूत का,
तो खौफ़ बड़ा है।
अब बनना होगा,
तुझे दुर्गा बेटी,
सिर कुचल दे इसका,
ये सर्प बड़ा है।