Monday, May 4, 2020

गुज़रे ज़माने से


गुज़रे ज़माने से जब मेरी याद आएगी, 
हो न हो तेरी आँख ज़रूर भर जाएगी |

निकलोगे उन गलियों से जहाँ मैं साथ था,
चलते चलते एक बार रुक तो ज़रूर जाएगी | 

कई शिकायतें हैं आज तुझे मुझसे,
आखिर कब तक उन्हें दिल में रख पायेगी | 

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