जिस स्याही से तू दिल पे लिख गया,
उस स्याही का लिखा मैं मिटाऊँ कैसे ?
कुछ दिखता नहीं तेरे चेहरे के सिवा,
किसी और को आँखों में बसाऊँ कैसे ?
दिल तुझको ही धड़कन समझता है,
किसी और से दिल अब लगाऊँ कैसे ?
भूल गया शायद तू मोहब्बत करके,
पर मैं तेरी मोहब्बत को भुलाऊँ कैसे ?
Jai ho
ReplyDeletethanks bhai
DeleteNice broooo
ReplyDeletethanks bhai
DeleteAwesome bhaiya... ❤
ReplyDeletethanks bhaii
DeleteKya Baat Hai bahut shandaar... ❤️❤️❤️❤️
ReplyDeletethanks a lot
DeleteGood work bro
ReplyDeletethanks bhai
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