Thursday, July 23, 2020

अंजान थे हम


अंजान थे हम, इन गलियों से, 


वाक़िफ़ इनसे, करवाया क्यों? 


जाना तो, कहीं और ही था, 


इनमें हमको, भटकाया क्यों?  


खुश ही थे हम, तन्हा पहले, 


हाँथ थमा कर, छुड़वाया क्यों ? 


लड़ बैठा, नादाँ दिल हमसे


अपने ही दिल से, लड़वाया क्यों? 

14 comments: