तेरे साथ, वो ग्रीन टी की चुस्की अभी बाकी है,
मेरी जान, एक और मुलाकात अभी बाकी है |
यूँ तो, कई बार थामा है तेरे हाथ को मैंने,
उस हाथ को थाम कर, अलविदा कहना अभी बाकी है |
जिन नज़रों से पहले, प्यार का इज़हार किया था,
जाते-जाते उन्हीं नज़रों से, माफ़ी माँगना अभी बाकी है |
कई बार समेटा है तुझे अपनी बाहों में लेकिन,
खुद बिखर न जाऊँ इसलिए, गले लगाना अभी बाकी है |
कई नज़राने पेश किये हैं तुझे अपनी मोहब्बत के,
इक आख़िरी नज़राना पेश करना अभी बाकी है |
ख्वाहिश है कि तुझसे मिल सकूँ इक आखिरी बार,
वर्ना ज़िन्दगी इस ग़म के साथ बिताना अभी बाकी है |
Great one Bhanu... ����
ReplyDeleteThank you
DeleteGreat lines bro.
ReplyDeleteThank you
DeleteThank you
ReplyDeleteSir ji ��
ReplyDeleteThanks Bhai
DeleteGood one
ReplyDeleteThanks a lot bhai
DeleteHm rone lg rhe aapki likhi lines pdh ke..
ReplyDeleteBahut drd bhra hai.. Ek ek line
Thank You
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