Monday, June 22, 2020

इक दिन तेरी आग़ोश में


इक दिन तेरी आग़ोश में सुला लेना, 

जो पलकों पे भर आये मेरे आँसू, 

अपनी उँगलियों से उन्हें हटा देना । 


है कितनी मोहब्बत तुमसे कभी कह न पाएंगे, 

हो सके तो खुद को ये समझा देना । 


थक गया हूँ, खुद से लड़-लड़ के मेरी जान, 

थोड़ा आराम कर लूँ फिर जगा देना । 

Wednesday, June 17, 2020

जिस स्याही से


जिस स्याही से तू दिल पे लिख गया, 

उस स्याही का लिखा मैं मिटाऊँ कैसे ? 


कुछ दिखता नहीं तेरे चेहरे के सिवा, 

किसी और को आँखों में बसाऊँ कैसे ? 


दिल तुझको ही धड़कन समझता है, 

किसी और से दिल अब लगाऊँ कैसे ? 


भूल गया शायद तू मोहब्बत करके, 

पर मैं तेरी मोहब्बत को भुलाऊँ कैसे ? 

Wednesday, June 3, 2020

रातों में नींद


रातों में नींद, जब उजड़ सी जाती है, 

फिर चादर, तेरी खुशबु की, ओढ़ लिया करता हूँ । 

करता है मन, जब तुझे बाहों में भरने का, 

अपने तकिये को, तू समझ के, लिपट लिया करता हूँ ।

आती है याद, जब शरारतों की तेरी, 

अक्सर मैं उन, किस्सों पर तेरे, हँस लिया करता हूँ । 

बुझ नही पाती, जब पानी से प्यास मेरी, 

यादों से मिठास, होंठो की तेरे, चख लिया करता हूँ । 

भूँख भी अक्सर, जब लगती नहीं मुझे, 

निवाला मैं समझ, हाथों का तेरे, खा लिया करता हूँ । 

बढ़ जाता है, जब दर्द तेरी जुदाई का, 

तू यहीं है दिल में, खुदसे ये तब, कह लिया करता हूँ ।